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Showing posts from November, 2022

गैस्ट्रोओसोफेजिअल रिफ्लक्स बीमारी(GERD)

 18.11.2022 *गैस्ट्रो ओसोफेजिअल रिफ्लक्स  बीमारी* पाचन तंत्र सँ सम्बंधित ई एक प्रमुख बीमारी अछि। ई बीमारी खान -पानक गड़बड़ी आ अनियमित दिन चर्याक कारणे अधिक लोक कें भs जाइत छन्हि। बस्तुतः  जखन अमाशयक अम्ल बारम्बार  उल्टा तरफ ओसोफेगस (मुँह सँ अमाशय तकक नली) मे आबय लागैत  अछि तखन ओसोफेगस नलीक अन्तः देवाल पर जलन होमय लगैत अछि। एहि तरहक असामान्य स्थिति कें गैस्ट्रो ओसोफेजिअल रिफ्लक्स  बीमारी* कहल जाइत अछि। लक्षण:-छाती मे जलनक अनुभूति होइत अछि। सामान्यतया खेलाक बाद ई जलन बढि जाइत अछि । राति मे लेटल अवस्था मे खास केs बढि जैत अछि।खायल भोजनक  किछु अंश या खट्टा तरल मुँह मे  ऊर्ध्वनिक्षेप होमय लागैत अछि। पेटक ऊपरका भाग मे  तथा छाती मे दर्द भs सकैत अछि। भोजन घोंटै (swallow) मे सेहो दिक्कत भs सकैत अछि। एहि तरहक अनुभूति सेहो भs सकैत अछि जे , गला मे किछु लटकल अछि। अधिकतर लोक अपन एहि  तरहक असामान्य स्थिति कें  खान पान मे आ रहन सहन मे सुधार कय सुधार कs लैत  छथि,  किछु कें चिकित्सक द्वारा सुझाव कएल दवाइ खेला सँ सुधार भ जाइत छन्हि।    किछु लोक कें  विशेष परिस्थिति मे शल्य चिकित्सा करेबाक प्रयोजन सेहो पड़ि स

पाचन तंत्र।(Digestive System)

 17.11.2022 पूरा शरीरक सबसँ छोट इकाई कोशिका होइत अछि। खड़बो कोशिका मिलि शरीरक संरचना करैत अछि। प्रत्येक कोशिका भोजन सँ पोषक तत्व लए ओकरा ऊर्जा मे परिवर्तित करैत अछि आ अपन अपन विशिष्ट कार्य करैत अछि। कोशिका सब मिलि उत्तक(tissue) बनवैत अछि। उत्तक सब मिलि अंग बनवैत अछि। अंग सब मिलि शरीरक अंगतंत्र बनवैत  अछि। अंगतंत्र सब मिलि पूरा शरीर होइत अछि। ओही अंग तंत्र मे एक अंग तंत्र होइत अछि पाचन तंत्र।  एकर अलावा सम्पूर्ण शरीर मे अलग अलग तंत्र काज करैत अछि । सब तंत्र अगर समुचित रूप सँ काज करैत अछि तँ शरीर पूर्ण स्वस्थ रहैत अछि। सब तंत्रक विषय मे कनियो मनियो जानकारी अगर होयत तँ आभास होयत जेअपनहि शरीर मे कतेक तरहक कार्य कतेक पद्धतिवार ढंग सँ भय रहल अछि। ई सब कार्य परमेश्वर द्वारा रचित प्रत्येक जीव मे स्वयं होइत अछि। ई सब परमेश्वरक व्यवस्थित शक्ति सँ होइत अछि। अगर हम सब कनी उपरो सँ अपना आप के खान पान तथा रहन सहन व्यवस्थित कय लेब तँ जीवन पर्यन्त स्वस्थ रहि सकैत छी। पाचन तंत्रक अलावा जे तंत्र सब होइत अछि ओ थिक परिसंचरण तंत्र, अंतःस्रावी तंत्र, उत्सर्जन तंत्र, प्रजनन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, श्वसन तंत्र,

प्रतिऔक्सीकारक(Antioxidant)

 14.11.2022 आइ हम शरीरक नीक स्वास्थ्य लेल एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कए रहल छी। विषय केर नाम अछि प्रतिओक्सीकारक। ओना ओकर अंग्रेजी नाम बहुत प्रचलित अछि जे कि एन्टीऑक्सीडेंट होइत अछि। अधिकतर चिकित्सक आ आहार विशेषज्ञ  कहैत रहैत छथि जे फल खौ, हरियर सब्जी सब खौ, तरह तरह के लाभकारी चीज, जेना नेबो, आमला, आदी, लहसुन, हल्दी इत्यादि के अपन डाइट मे सम्मिलित करी ताहि लेल कहैत छथि। ओ कहैत छथि जे एहि सब चीज सँ एन्टीऑक्सीडेंट भेटत।  आखिर एन्टीऑक्सीडेंट की होइत अछि ओकरा बारे मे जननै आवश्यक। एन्टीऑक्सीडेंट के बारे मे जानकारी सँ पूर्व जरूरी ई अछि जे सर्वप्रथम "फ्री रैडिकल" विषय मे जानी।  "फ्री रेडिकल" शरीर मे मुक्त कण एकल कोशिकाक रूप मे होइत अछि। ई एकल कोशिका युग्म कोशिका होइ लेल भुखायल रहैत अछि। एहि लेल ओकर सतत प्रयास रहलाक कारण स्वस्थ कोशिका के क्षति पहुँचैत रहैत अछि। एहि तरहेँ स्वस्थ कोशिका ओकरा कारण निरन्तर क्षतिग्रस्त होइत रहैत अछि आ  फलस्वरूप बीमार भ जाय लेल अधिक संभावना भ जाइत अछि। "फ्री रैडिकल"(मुक्त कण) शरीर मे पाचन क्रियाक फलस्वरूप बनैत रहैत अछि। प्रदूषण, धूम्रपा

उच्च रक्त चाप(Hypertension)

 13.11.2022 आइ हम रक्त चाप संदर्भ मे चर्चा कय रहल छी। उच्च रक्त चाप देश मे अत्यधिक रफ्तार सँ बढि रहल अछि। एहि हेतु सजगता हेतु एकरा विषय मे जानकारी परम आवश्यक अछि। रक्त चाप शरीरक ओहेन स्थिति कें कहल जाइत अछि जखन रक्त केर दवाव धमनी पर बढ़य लागैत अछि। 120/80 सामान्य रक्त चाप होइत अछि। जखन ई 139/89 शीमा या ओहि सँ बढ़ैत अछि तखन विशेष ध्यान देनै आवश्यक भ जाइत अछि। ई एहि बीमारीक प्रथम अवस्था थिक। 180/120  या ओहि सँ अधिके तँ गम्भीर स्थिति होइत अछि। कम रक्त चाप भेनाइ सेहो ठीक नहि होइत अछि परञ्च एकर अति गम्भीर हेबाक संभावना रक्त चाप अत्यधिक (हाइपरटेंशन) तुलना मे किछु कम होइत अछि। रक्त चाप इंगित संख्या मे जे संख्या ऊपर दर्शायल अछि ओकरा सिस्टोलिक कहल जाइत अछि आ जे नीचा दर्शायल अछि ओकरा डायस्टोलिक कहल जाइत अछि। सिस्टोलिक, धमनी पर दवावक ओ पैमाना अछि जखन हृदय धडकैत अछि। डायस्टोलिक, धमनी पर दवावक ओ पैमाना छी जखन हृदय आराम स्थित मे होइत अछि आ,अर्थात 2 हृदय धड़कन केर मध्य स्थिति मे। जखन रक्त चाप बढ़ल रहैत अछि ओहना स्थित मे धमनी मे रक्त प्रवाह सामान्य रखैक लेल हृदय कें अधिक सक्रिय भ अधिक बेर धड़कय पड़ैत अछि अर

रक्त समूह(Blood Group)

 12.11.2022 आइ हम विभिन्न तरहक रक्त समूह बारे मे चर्चा कय रहल छी। लाल रक्त कोशिका मे उपस्थित या अनुपस्थित  एन्टीबॉडी  तथा आनुवांशिक रूप सँ  माता पिता सँ  विरासत मे प्राप्त या अप्राप्त एंटीजन जे कि लाल रक्त कोशिकाक बाहरी सतह पर रहैत अछि ,  एहि सब आधार पर रक्तक विभिन्न समूह होइत अछि। मुख्यतया एहि सब आधार पर रक्तक चारि टा समूह होइत अछि। A, B, AB, और O अनुवांशिक रूप सँ विरासत मे लाल रक्त कोशिकाक बाहरी सतह पर प्रोटीन उपस्थित या अनुपस्थित सेहो रहैत अछि। जँ ई प्रोटीन उपस्थित रहैत अछि त ओकरा पॉजिटिव रक्त समूहक श्रेणी मे राखल जाइत अछि। जँ ई  प्रोटीन अनुपस्थित रहैत अछि त ओकरा नेगेटिव रक्त समूहक  श्रेणी मे राखल जाइत अछि। एकरा आर एच फैक्टर सेहो कहल जाइत अछि। एहि तरहेँ 8 प्रकारक रक्त समूह होइत अछि। "ए"पॉजिटिव "ए"नेगटिव "बी "पॉजिटिव "बी" नेगेटिव "एबी"पॉजिटिव "एबी"नेगेटिव  "ओ" पॉजिटिव "ओ "नेगेटिव रक्त समूह" ए" मे ए एंटीजन  लाल रक्त कोशिकाक वाहर मे तथा प्लाज्मा मे "एन्टी -बी "एंटीबॉडी होइत अछि। रक्त समू

विभिन्न प्रकारक रक्त सम्बंधित अन्य जानकारी।

 11.11.2022 आइ हम मनुष्य रक्तक विषय मे आगाँ चर्चा कय रहल छी।    लाल रक्त कण संख्याक  एक सामान्य शीमा होइत अछि । ओहि सँ बेसी कम  या बेसी अधिक भेनाइ ठीक नहि। ई सामान्य शीमा नीचा लिखल जा रहल अछि।  महिला लेल -42 लाख सँ 54 लाख(लाल रक्त कोशिकाक संख्या)प्रति माइक्रो लीटर। पुरुष लेल- 47 लाख सँ61 लाख(लाल रक्त कोशिकाक संख्या)प्रति माइक्रो लीटर। ओही तरहेँ स्वेत रक्त कण संख्याक सामान्य शीमा नीचा निर्दिष्ट अछि। 4500 सँ 11000 प्रति माइक्रो लीटर। प्लेटलेट  संख्याक शीमा होइत अछि 150000 सँ 450000 प्रति माइक्रो लीटर। लाल रक्त कोशिका, स्वेत रक्त कोशिका एवं प्लेटलेटक निर्माण अस्थि मज्जा मे होइत अछि।  लाल अस्थि मज्जा मे मूल कोशिका(stem cell) होइत अछि तकरा हेमोसाइटो ब्लास्ट कहल जाइत अछि। लाल रक्त कोशिकाक सभ तत्व ओही हेमोसाइटोब्लास्ट  सँ बनैत अछि। स्वेत रक्त कोशिकाक निर्माण अस्थि मज्जाक नरम टिसू मे होइत अछि आ ओकर विकास थाइमस ग्लैंड, लिम्फ नोड ,और स्प्लीन मे  टी कोशिका तथा बी कोशिका रूप मे होइत अछि। प्लेटलेटक निर्माण सेहो अस्थि मज्जा मे होइत अछि। ओ मेगाकैरियोसाइट्स नामक कोशिका जे अस्थि मज्जा मे पाओल जाइत अछि

मनुष्यक रक्त

 10.11.2022 आइ हम मनुष्य शरीरक रक्त विषय मे चर्चा कय रहल छी। शरीर भारक 7 प्रतिशत अंश  रक्त होइत अछि। रक्त एक विशेष प्रकारक कोशिका होइत अछि  जाहि मे 55% प्लाज़मा होइत अछि आ शेष 45% मे आवश्यकीय तत्व , स्वेत रक्त कण, लाल रक्त कण और प्लेटलेट होइत अछि। प्लाज़मा मे  करीब 91प्रतिशत जल तथा करीब 9 प्रतिशत  आन आन आवश्यकीय  तत्व रहैत अछि । एहि तरहेँ रक्तक मुख्य घटक निम्नलिखित अछि। 1.प्लाज्मा:-  शरीरक जाहि अंग के जल के आवश्यकता होइत छैक ओकरा दैत रहैत छैक। ओहि सँ रक्त चाप तथा रक्त संचार  उचित रूप सँ बनल रहैत अछि। शरीरक अन्य हिस्सा मे हॉर्मोन, प्रोटीन तथा पौस्टिक तत्व सभ के आपूर्ति मे सहयोग करैत अछि। ऑक्सीजन और कार्बनडाईऑक्साइड के आदान प्रदान मे सेहो सहयोग करैत अछि। शरीरक तापमान  सामान्य बनल रहैक  , अहू प्रक्रिया मे सहयोग करैत अछि। 2.  स्वेत रक्त कण:- मुख्य रूप सँ स्वेत रक्त कण के कार्य होइत अछि   कोनो तरहक संक्रमण और बीमारी सँ शरीर के बचेनै। सुरक्षा ओकर मुख्य कार्य। स्वेत रक्त कण  मे 5 प्रकारक घटक होइत अछि। ग्रेनुलोसाइट (न्यूट्रोफील, एसीनोफील, और बसोफील), मोनोसाइट तथा लिम्फोसाइट (टी कोशिका और बी कोशि

एलर्जी

 09.11.2022 एंटीजन, एंटीबॉडी, एलरजीन इत्यादि। हम चर्चा कs रहल छी किछु सामान्य छोट -छोट स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी।  परेशानी जखन रहैत अछि तखन अपनो  आ लोको सब एहि विषय मे बतबैक प्रयास करैत छथि। एही सब संदर्भित किछु जानकारीक चर्चा क रहल छी।  एलरजी* जखन एकाएक कियो किछु बेसिये छिक्का करय लागैत छथि, नाक आँखि सँ  पैन निकलय लगैत छनि। एहि सब सँ परेशानी होइत छन्हि। किनको किनको किछु खेला पिला सँ सेहो परेशानी होमय लगैत छन्हि। ई सब होइत अछि व्याप्त एंटीजन तथा एलर्जिनक कारण सँ। ई  ओहेन पदार्थ थिक जे शरीरक अंदर और वातावरण दुनू ठाम व्याप्त रहैत अछि। ओ शरीरक प्रतिरक्षा प्रणाली के एंटीबॉडी हेतु सक्रिय करैत अछि ।एंटीबॉडी ओहि वाहरी पदार्थ सँ लरि ओकरा समाप्त करैत अछि या चेष्ठा करैत अछि। बनल एंटीबाडी के एकटा प्रकार के IgE कहल जाइत अछि। किनको किनको प्रतिरक्षा हेतु बनल IgE किछु अधिके प्रतिक्रिया करय लगैत अछि । तेँ हुनका लोकनि  के किछु बेसिये प्रभाव देखवा मे अबैत अछि। वाहर सँ शरीर मे एलर्जिन , विषाणु (वायरस, बैक्टीरिया इत्यादि) प्रवेश करैक संभावना रहैत अछि जाहि सँ  शरीरक अंदर प्रतिरक्षा तंत्र केर सक्रियता बढैक

मधुमेह बीमारीक छठम अवस्था (stage)

 07.11.2022  मधुमेह बीमारीक छठम अवस्था(stage) आब हम मधुमेह बीमारीक छठम अवस्थाक चर्चा कए  रहल छी।  ई अवस्था थिक शरीर मे इन्सुलिन केर अभाव। जखन अग्न्याशय इन्सुलिन के लगातार श्राव करैत करैत अपन सक्षमता कम करय लगैत अछि आ बहुत कम इन्सुलिन श्राव क पवैत अछि तखन छठम अवस्था केर आगमन प्रारम्भ भs जाइत अछि। अग्न्याशयक बीटा कोशिकाक संख्या न्यून भ जेबाक कारणे ई होइत अछि। इन्सुलिनक निर्माण त बीटा कोशिकाक माध्यमे सँ होइत अछि । ओ न्यून भ गेल तँ स्वाभवतः बहुत कम इन्सुलिनक निर्माण भ रहल अछि एहि अवस्था मे।  इन्सुलिन केर भूमिका रक्त सँ  शरीरक कोशिका सभ मे ग्लूकोज़ के उघि ल जेनै अछि जेकि दिन प्रति दिनक आवश्यक शक्ति लेल परम जरूरी होइत अछि। अर्थात इन्सुलिन ग्लूकोज केर  वाहक( carrier) थिक ।  शरीर मे अपन अनुकूल इन्सुलिनक अभाव मे आब चिकित्सक मरीज लेल बाहर सँ इन्सुलिन हेतु सुझाव करैत छथिन्ह । कारण ई जे आब बाहरी दवाइ अग्न्याशय के इन्सुलिन बनेबा हेतु सक्रिय नहि क पवैत अछि । आब अग्न्याशय इन्सुलिन सँ अभावग्रस्त भ गेल अछि। ई जे अवस्था थिक ओ मधुमेहक छठम अवस्था कहबैत अछि। एहि में निदानक हेतु एक मात्र विकल्प वाहर सँ इन्सु

मधुमेह बीमारीक पाँचम अवस्था(stage)

 07.11.2022 मधुमेहबीमारीक पाँचम अवस्था(stage) आइ हम मधुमेह बीमारीक पाँचम अवस्थाक चर्चा कय रहल छी। ई अवस्था ,  पूर्व मधुमेह स्थिति (prediabetic stage) के बादक अवस्था थिक।  एहि स्थिति में आब रक्त ग्लूकोजक स्तर खाली पेट 125 सँ ऊपर तथा  नास्ता खाना बाद 200 सँ ऊपर होमय  लगैत अछि। कुशल चिकित्सक सँ देखेलाक बाद ओ(चिकित्सक) आब मोहर लगा दैत छथि अर्थात सुनिश्चित कs कहि दैत छथि जे मधुमेह भए गेल। निवारण हेतु चिकित्सक दवाई सेहो प्रारम्भ करवाक सुझाव दैत छथि। एहि अवस्था के नाम चिकित्सा क्षेत्र मे टाइप 2 मधुमेह (Type-2 Diabetese Mellitus) कहल जाइत अछि।  मरीज बुझैत छथि जे हमरा आब मधुमेह बीमारी भय गेल आ आब हमरा सभ दिन दवाइ पर आश्रित रहय पड़त। किछु मरीज भयभीत सेहो भय जाइत छथि जे ई बिमारी त निरन्तर बढ़ै बला (Progressive) होइत अछि तें आब ओकर निदान हेतु विशेष ध्यान देव आवश्यक भs गेल। वास्तविक मे ई अवस्था एकाएक नहि आयल अछि। ओकरा अबै मे 10 -15 साल लागि गेल हेतैक । जखन ई बीमारी आयल अछि त ई बुझू जे बीस प्रतिशत हमर आँखि के क्षति पहुचा देलक। आन आन महत्वपूर्ण अँग के किछु ने किछु क्षति पहुँचेने सेहो होयत। आधुनिक शोध औ

मधुमेह बीमारीक चारिम अवस्था(stage)

 06.11.2022 आइ हम मधुमेह बीमारीक चारिम  चरण(stage) बारे मे चर्चा क  रहल छी। एखन तक रक्तक ग्लूकोज स्तर क्रमिक रूप सँ बढि रहल अछि, इन्सुलिन सेहो बढि रहल अछि कारण कोशिका द्वारा प्रतिरोधक क्रम सेहो बढि रहल अछि। यद्यपि एखन तक कोनो खास अधिक गंभीर लक्षण परिलक्षित नहि अछि और हम सब एकरा बिल्कुल हल्लुक मे लैत छी। आब तेसर चरण के बाद रक्त परीक्षण मे भुखल पेट मे ग्लूकोज़ स्तर 125 तक और नास्ता भोजन उपरान्त 200 तक आबय लागैत अछि। ओहि परिस्थिति मे अंदर -अंदर  खराबी बढि रहल अछि परञ्च एखनो ऊपर -ऊपर  हल्लुक़ फल्लुक  लक्षण देखा पड़ि रहल अछि। जेना कि रक्त चाप बढ़ल आबि सकैत अछि, थकान लागि सकैत अछि, भूख प्यास  बेसी जोड़ सँ लागि सकैत अछि , कोलेस्ट्रॉल सेहो बढ़ल आबि सकैत अछि, मोटापा और शरीरक वजन  इत्यादि इत्यादि बढि सकैत अछि।  इहो स्थिति 2-3 साल धरि  रहि सकैत अछि।  वास्तविक मे ई चरण  बिल्कुल  डायबिटिक चरण एबाक  पूर्व के चरण होइत अछि। ओहि स्थिति  के  उलटेनाय(reverse केनाय) हेतु जे आवश्यक छैक ओ अवश्य प्रारम्भ क देवाक चाही। ई  पूर्ण डायबिटिक स्थित पहुँचबाक शीमा(बोर्डेर) अछि। खान- पान , रहन सहन मे अनुकूल परिवर्तन केनाय प

मधुमेह बीमारीक तेसर अवस्था(stage)

 O5.11.2022 मधुमेह बीमारीक तेसर चरणक स्थिति। अझुका दिन हम चर्च क रहल छी मधुमेहक तेसर चरण केर संदर्भ में। एखन तक के स्थिति मे भs ई रहल छल जे  असंयमित खान- पान के कारणे एक तरफ रक्त में ग्लूकोज़ बढि रहल अछि आ दोसर तरफ इन्सुलिन सेहो। मगर शरीरक कोशिका सभ इन्सुलिन लेल निरंतर प्रतिरोध क s रहल अछि । दिनानुदिन प्रतिरोध बढिये रहल अछि। एही क्रम में अग्न्याशय  आओर ओहि सँ श्रावित होई वला इन्सुलिन  अनियंत्रित(unregulated) होमय लगैत अछि। अर्थात कखनो कम्मे आओर कखनो आवश्यकता सँ अधिके इन्सुलिन श्रावित होमय लगैत अछि। कखनो काल भोजन उपरान्त अग्न्याशय खूब अधिक इंसुलिन श्रावित क दैत अछि।  ई जे स्थिति अबैत अछि ओहि में जखन रक्त में चीनी केर परीक्षण करबैत छी त  भुखल पेट वला परीक्षण रिपोर्ट सामान्य सँ कम अबैत अछि आ भोजन उपरान्त जतेक बढ़ल अबैक चाही एहि सँ बहुत कम। एहनो होइत अछि जे भुखल पेट वला रक्त परीक्षण रिपोर्ट स्तर सँ भोजन उपरान्त वला रक्त परीक्षण रिपोर्ट परिणाम कम्मे अबैक। ओहेनका स्थिति जँ अबैत अछि त ओकरा हाइपोग्लाइसीमिया कहल जाइत अछि। अर्थात न्यून सर्कराक स्थिति। ओहि स्थिति में कोनो संदर्भित कुशल चिकित्सक सँ

मधुमेह बीमारीक दोसर अवस्था (stage)

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 04-11-2022  आइ  हम  चर्चा  क s  रहल  छी  मधुमेह  बीमारी  केर  दोसर  चरण  बारे  मे ।  प्रथम  चरण  मे  जे शरीरक  कोशिका  सभ  द्वारा  इन्सुलिन प्रतिरोध  प्रारंभ  होइत  अछि  ताहि  सं  रक्त  नलिका  मे  इन्सुलिन  अधिकता  होमय  लगैत  अछि। तें  दोसर  चरण के  हाइपरइन्सुलिनोमिया  सेहो  कहल  जाइत  अछि ।रक्त  मे   आवश्यकता  सं  अधिक  इन्सुलिन  होयब  शरीर  लेल  ठीक  नहि । ई  बढल  इन्सुलिन  पहिने  छोट  छोट  रक्त  नलिका  जे प्रायः  शरीरक  सब  महत्वपूर्ण  अंग  तक  पहुंचैत  अछि , ओकरा  क्षति  पहुंचेनाई प्रारंभ  क s  दैत अछि।  पातर - पातर  रक्त  नलिका  मस्तिष्क  मे , आँखि   मे  और  अनेक  महत्वपूर्ण  अंग  मे  होइत  अछि । इन्सुलिन  केर  कुप्रभाव  सं  एहि  पातर  पातर  रक्त  नलिकाक आंतरिक  झिल्ली , जकरा  एन्डोथेलिअम  झिल्ली  कहल  जाइत  अछि  ओ  क्षतिग्रस्त  होमय  लगैत  अछि ।  ओहि  क्षतिग्रस्त स्थान  पर  खइठी (Plaque) परि जाइत  अछि ।  एहि   खइठी सं  रक्तक  सामान्य   प्रवाह  ओहि  अंग  मे  वाधित  होमय  लगैत  अछि ।  मधुमेह  केर  दोसर  चरण  मे  किछु  किछु  लक्षण  सेहो  आवय लगैत  अछि ।   अकारण  थकान - थकान  सनक 

मधुमेह बीमारीक प्रथम अवस्था(stage)

आइ  हम  चर्चा  क s  रहल  छी  जे  कोना - कोना  मधुमेह  बीमारी  क्रमिक  रूप  सं  बढल  चल  जाइत  अछि ।    जखन  स्वास्थ्य  हमर  बिल्कुल  ठीक  रहैत  अछि अर्थात  मधुमेह  नहि  प्रारंभ  भेल  अछि, तखन जे  भोजन  करैत  छी हम  सभ,  तत्क्षण  हमर  अग्न्याशय  समीचीन  मात्रा  मे  इन्सुलिन रक्त  मे  भेज  दैत  अछि ।  ई  समीचीन  इन्सुलिन  रक्त  मे  प्रविष्ट  ग्लूकोज / चीनी  क s    रक्त  नलिका  माध्यम  सं  विभिन्न  अंगक  कोशिका  सभ  मे  शरीरक  शक्ति  उद्येश्य  पूरा  करैक  लेल  पहुंचा  दैत   अछि ।  कखनो  नियमित , कखनो  अनियमित  खान -पानक  कारणे  भोजन  सं  प्रदत्त  चीनी /ग्लूकोज  आओर  अग्न्याशय  सं स्रावित  इन्सुलिन  केर  मात्रा  असंतुलित  होमय  लगैत  अछि । शरीरक  कोशिका  सभ  धीरे  धीरे  इन्सुलिन  लेल प्रतिरोध  करय लगैत  अछि ।  ओहि  स्थिति  मे, रक्त  मे  खान पान  सं  बनल  ग्लुकोज / चीनी  सामान्य  रूप  सं  कोशिका  सभ  मे  नहि  जा  पवैत अछि ।  तखन  रक्त  मे  चीनी  कम  बेसी  होमय  लगैत  अछि ।  प्रारंभ  मे  त  हमर  अग्न्याशय  बिल्कुल  ठीक  रहैत  अछि । कदाचित  जं  किछु  अधिक  कार्बोहाइड्रेट या  अधिक  ग्लायसेमिक

ग्लायसेमिक इंडेक्स और ग्लायसेमिक लोड

 ब्लॉग 1 मे हम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड केर चर्चा कयलहुँ अछि। हम एकर पूर्ण वर्णन कs रहल छी। वास्तविक में जतेक खाद्य पदार्थ उपलब्ध अछि , ओहि में कार्बोहायड्रेट , प्रोटीन, वसा , खनिज एवं विभिन्न प्रकारक विटामिन सभ पाओल जाइत अछि। कार्बोहायड्रेट सर्करा या ग्लूकोज़ केर मुख्य स्रोत होइत अछि। चीनी  या ग्लूकोज शोणित में बहुत तेज रफ्तार सँ शोणित में प्रवेश करैत अछि। तें सर्करा एवं ग्लूकोज के प्रवेश रफ्तार के मानक मानल गेल अछि। अर्थात जँ कियो 100 ग्राम चीनी  ग्रहण करैत छथि त हुनक शोणित ग्लूकोज 100 के गति सँ बढ़ैत अछि। ओही मानक अनुसार प्रत्येक खाद्य में उपलब्ध कार्बोहाइड्रेट आओर ओहि मे युक्त चीनी  कतेक तेजी सँ शोणित मे चीनीक   स्तर बढ़बैत अछि ओ ग्लाइसेमिक इंडेक्स कहल जाइत अछि। जाहि खाद्य के ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होइत अछि ओ शोणित केर चीनी  स्तर कम बढ़बैत अछि। तें मधुमेह युक्त व्यक्ति के कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स बला खाद्य के चुनाव कs  खेबाक चाही। चाउर  , गहूम, मकई इत्यादि के ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा अछि । करीब 75 सँ 80। तें ओकर आटा में अगर कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स बला आंटा मिला देल जाय त श्रेयस्

मधुमेह

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  आइ हम मधुमेह बिमारी पर किछु आवश्यकीय बात बता रहल छी । सामान्यतः लोक सभ ई मानि रहल छथि जे , जं मधुमेह बिमारी भ गेल त ओ कहियो जरि सं ठीक नहि होयत आ सभ दिन दवाई खाईये पड़त । ई बात किछु हद्द तक सत्य मानल जा सकैत अछि , कारण अधिकतर लोक अपन स्वास्थ्य लेल नहि त जागरूक होमय चाहैत छथि आ ने अनुशासित । आइ देखि रहल छी जे ई मधुमेह बिमारी दिन प्रति दिन अपना आगोश मे क्रमिक रुपेण अधिक सं अधिक लोक के ल s रहल अछि । हमरा जानतबे मधुमेह बिमारीक विषय मे पूर्ण जानकारी वैज्ञानिक दृष्टि सं हासिल करवाक चाही । ओकर पूर्णतया उन्मूलन हेतु खान - पान मे और रहन - सहन मे अनुकूल परिवर्तन केनाय आवश्यक अछि । एहि लेल जानकारी संग खान - पान आ रहन - सहन लेल स्वयं मे अनुशासित रहब सेहो परम आवश्यक अछि । ई बिमारी आइये नहि भेल अछि । ओकर इतिहास पुरान अछि । तखन आधुनिकता आओर विकासक क्रमे खान पान मे परिवर्तनक फलस्वरूप ओकर बहुतायता मे वृद्धि भेल अछि । आधुनिकताक क्रमे विज्ञानक क्षेत्र मे सेहो अध