उच्च रक्त चाप(Hypertension)

 13.11.2022


आइ हम रक्त चाप संदर्भ मे चर्चा कय रहल छी। उच्च रक्त चाप देश मे अत्यधिक रफ्तार सँ बढि रहल अछि। एहि हेतु सजगता हेतु एकरा विषय मे जानकारी परम आवश्यक अछि।

रक्त चाप शरीरक ओहेन स्थिति कें कहल जाइत अछि जखन रक्त केर दवाव धमनी पर बढ़य लागैत अछि। 120/80 सामान्य रक्त चाप होइत अछि। जखन ई 139/89 शीमा या ओहि सँ बढ़ैत अछि तखन विशेष ध्यान देनै आवश्यक भ जाइत अछि। ई एहि बीमारीक प्रथम अवस्था थिक। 180/120  या ओहि सँ अधिके तँ गम्भीर स्थिति होइत अछि। कम रक्त चाप भेनाइ सेहो ठीक नहि होइत अछि परञ्च एकर अति गम्भीर हेबाक संभावना रक्त चाप अत्यधिक (हाइपरटेंशन) तुलना मे किछु कम होइत अछि।


रक्त चाप इंगित संख्या मे जे संख्या ऊपर दर्शायल अछि ओकरा सिस्टोलिक कहल जाइत अछि आ जे नीचा दर्शायल अछि ओकरा डायस्टोलिक कहल जाइत अछि।

सिस्टोलिक, धमनी पर दवावक ओ पैमाना अछि जखन हृदय धडकैत अछि। डायस्टोलिक, धमनी पर दवावक ओ पैमाना छी जखन हृदय आराम स्थित मे होइत अछि आ,अर्थात 2 हृदय धड़कन केर मध्य स्थिति मे।


जखन रक्त चाप बढ़ल रहैत अछि ओहना स्थित मे धमनी मे रक्त प्रवाह सामान्य रखैक लेल हृदय कें अधिक सक्रिय भ अधिक बेर धड़कय पड़ैत अछि अर्थात हृदय पर अधिक बोझ पड़ि जाइत अछि। सामान्यतया  अधिक सिस्टोलिक के अधिक रक्त चाप कहल जाइत अछि परञ्च सिस्टोलिक अथवा डायस्टोलिक कोनो या दुनू बढ़ल स्थित रहय त ओ अधिक रक्त चाप थिक।


रक्त चाप ओहेन व्यक्ति कें हेवाक बेसी संभावना रहैत अछि जिनकर जीवन दिनचर्या अनियमित रहैत छन्हि । एहि सँ सुरक्षित रहैक लेल निरन्तर व्यायाम करैक चाही, मधुमेह बीमारी नहि हो ताहि लेल खान पान पर ध्यान देबाक चाही , मोटापा नहि हुए ताहू पर ध्यान देबाक चाही इत्यादि।


अधिक रक्त चाप अक्सरहाँ कोनो वाह्य लक्षण प्रकट नहि करैत अछि। ई चिकित्सक द्वारा नपला सँ पता चलैत अछि । निरंतर रक्त चाप बढ़ल रहनाइ लक्षण एकाएक नहि होइत अछि। क्रमिक रूप सँ बढ़ल रक्त चाप शरीरक सभ अंग पर कुप्रभाव करैत अछि। तें कुशल चिकित्सक सँ परामर्श लय चिकित्सा प्रारम्भ करा लेबाक चाही।


अधिक रक्त चाप सँ धमनी सब क्षतिग्रस्त होइत अछि आ ताहि सँ ओ खूब पातर(narrow) भ जाइत अछि या बंद(block) भ जाइत अछि। धमनी सभक लोच (elastic)प्रकीर्ति सेहो नष्ट होमय लगैत अछि। एहि सब सँ रक्त परिवहन मे बाधा होमय लगैत अछि। सभ अंग के ऑक्सीजन आ भोजन सामान्य रूप सँ नहि पहुँच पवैत अछि। क्रमिक रूप सँ आगाँ चलि हृदय केर ऐरोटा सेहो प्रभावित भ जाइत अछि। धमनी सभ क्षतिग्रस्त भेला सँ हालांकि सभ अंग प्रभावित होइत अछि मगर हृदय के क्षति हेबाक अधिक संभावना अछि कारण रक्त संचालन हेतु हृदय के प्रमुख भूमिका होइत अछि। अधिक रक्त चाप सँ हृदय घात तथा  मस्तिष्क घातक डर रहैत अछि। किडनी तथा आँखि पर सेहो अधिक  कुप्रभाव पड़ैत  अछि अधिक रक्त चाप कारणें।


ओना अधिक रक्त चापक पहचान त  चिकित्सक द्वारा नाप केला उपरान्त सुनिस्चित होइत अछि। तैयो किछु लक्षण इंगित कय रहल छी।

दृष्टि मे झिलमिलाहट।

हल्का हल्का माथ दर्द।

थकान थकान सनक अनुभूति।

माथा मे चक्कर जकाँ आ रद्द(vomiting) हेबाक प्रविर्त्ति।

कखनो काल नाक सँ रक्त श्राव।

अपन देश मे करीब 1 करोड़ लोक अधिक रक्त चाप सँ प्रति वर्ष ग्रसित भय जाइत छथि। एकर उपचार हेतु श्रेयस्कर ई अछि जे सुरक्षा(प्रीवेंशन) पर विशेष ध्यान दी। ओहि लेल जानकारी रहव तथा तद अनुकूल सावधानी राखव आवश्यक होइत अछि। निरन्तर शारीरिक व्यायाम , समुचित खान -पान,  शरीर मे ग्लूकोज़ स्तर नियंत्रित, बढ़ैत मोटापा पर नियंत्रण इत्यादि सुरक्षा हेतु कारगर होइत अछि। रक्त चाप भ गेला पर ई वर्षों या जीवन पर्यन्त रहि सकैत अछि। चिकित्सक सुझाव अति महत्वपूर्ण अछि ओकर कुशल प्रवन्धन आ नियंत्रण हेतु।


चिकित्सक ओकर दवाइ द्वारा उपचार हेतु निम्नलिखित तरहक दवाइ दय सकैत छथिन्ह। विना चिकित्सक केर सुझाव सँ ई सब दवाइ नहि प्रयोग करैक चाही। जेना कि

1. एकटा एंजाइम होइत छैक जकर नाम "एंजियोटेनसिन परिवर्तित एंजाइम " कहल जाइत अछि। ओ रक्त वाहिका के संकुचित करैत अछि।

चिकित्सक ओकर अवरोध लेल एसीइ

अवरोधक दवाइ (ACE inhibitor) सुझाव करैत छथि। एहि दवाइ केर खराब असर सेहो देखल गेल अछि तेँ चिकित्सक केर निगरानी मे दवाइक प्रयोग आवश्यक होइत अछि।

2. जरूरत सँ अधिक ब्लाडर मे एकत्रित पानि तथा सोडियम केर निकासी हेतु डाइयूरेटिक दवाइक सुझाव दय सकैत छथि। ओहो दवाइ चिकिसक केर सुझाव विना नहि खेवाक चाही।


3. हृदय के धड़कन कें थोरे धीमा करैक लेल जाहि सँ रक्त चाप कमि जाय ताहि लेल बीटा ब्लॉकर दवाइ हेतु सुझाव करैत छथि। इहो दवाइ विना चिकित्सक केर सुझाव कथमपि प्रयोग नहि करवाक चाही।

4.कैल्शियम आपूर्ति  कें अवरोध कय रक्त चाप कम करैक हेतु  दवाइक सुझाव चिकित्सक कय सकैत छथि। इहो दवाइ विना चिकित्सक सुझाव कथमपि नहि खेबाक चाही।

5. एकटा दवाइ होइत अछि वाहिकाविस्फारक (vasodilator).

रक्त चाप कम करैक लेल इहो दवाइ चिकित्सक द्वारा सुझाव कएल जाइत अछि। एहि दवाइ सँ रक्त वाहिका केर आकार बढ़ा देल जाइत अछि आ ओहि सँ रक्त चाप कम भ जाइत अछि।  चिकित्सक केर सुझाव विना ई दवाइ बिल्कुल नहि खेबाक चाही।


एहि तरहेँ रक्त चाप मे चिकित्सक लोकनि द्वारा जे दवाइ सभ के अक्सर सुझाव होइत अछि तकरा बारे मे चर्चा कयलहुँ।


अपने सँ दवाइ के प्रयोग त नहिये टा करबाक चाही। हँ, तखन पथ्य, परहेज , व्यायाम, नूनक न्यून प्रयोग, व्यायाम-प्राणायाम, कम चिंता फिकिर , धूम्रपान निषेध,  मद्यपान निषेध इत्यादि तँ श्रेयस्कर अछिये।

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