ग्लायसेमिक इंडेक्स और ग्लायसेमिक लोड

 ब्लॉग 1 मे हम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड केर चर्चा कयलहुँ अछि। हम एकर पूर्ण वर्णन कs रहल छी।

वास्तविक में जतेक खाद्य पदार्थ उपलब्ध अछि , ओहि में कार्बोहायड्रेट , प्रोटीन, वसा , खनिज एवं विभिन्न प्रकारक विटामिन सभ पाओल जाइत अछि। कार्बोहायड्रेट सर्करा या ग्लूकोज़ केर मुख्य स्रोत होइत अछि। चीनी  या ग्लूकोज शोणित में बहुत तेज रफ्तार सँ शोणित में प्रवेश करैत अछि। तें सर्करा एवं ग्लूकोज के प्रवेश रफ्तार के मानक मानल गेल अछि। अर्थात जँ कियो 100 ग्राम चीनी  ग्रहण करैत छथि त हुनक शोणित ग्लूकोज 100 के गति सँ बढ़ैत अछि। ओही मानक अनुसार प्रत्येक खाद्य में उपलब्ध कार्बोहाइड्रेट आओर ओहि मे युक्त चीनी  कतेक तेजी सँ शोणित मे चीनीक   स्तर बढ़बैत अछि ओ ग्लाइसेमिक इंडेक्स कहल जाइत अछि। जाहि खाद्य के ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होइत अछि ओ शोणित केर चीनी  स्तर कम बढ़बैत अछि। तें मधुमेह युक्त व्यक्ति के कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स बला खाद्य के चुनाव कs  खेबाक चाही। चाउर  , गहूम, मकई इत्यादि के ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा अछि । करीब 75 सँ 80। तें ओकर आटा में अगर कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स बला आंटा मिला देल जाय त श्रेयस्कर। जेना कि चना, सोया, ओट , बाजरा इत्यादि केर आंटा।

ग्लाइसेमिक लोड

एकर एकटा सूत्र अछि ।

ग्लाइसेमिक लोड = (ग्लाइसेमिक इंडेक्स x कार्बोहाइड्रेट)/100

अर्थात कोनो खाद्य में ओकर कार्बोहायड्रेट और ओहि खाद्य के कतेक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होइत अछि एहि दुनू पर निर्वर करैत अछि ग्लाइसेमिक लोड।

तें कोनो खाद्य चयन सँ पूर्व ओकर विश्लेषण करवाक छैक जे ओहि खाद्य में कार्बोहायड्रेट कम रहैक आ ओकर ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम सेहो रहैक।एहि सँ स्वाभवतः शरीर मे आवश्यकतानुसार  ग्लाइसेमिक लोड प्रति दिन खा सकैत छी।


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