मधुमेह बीमारीक चारिम अवस्था(stage)

 06.11.2022

आइ हम मधुमेह बीमारीक चारिम  चरण(stage) बारे मे चर्चा क  रहल छी।

एखन तक रक्तक ग्लूकोज स्तर क्रमिक रूप सँ बढि रहल अछि, इन्सुलिन सेहो बढि रहल अछि कारण कोशिका द्वारा प्रतिरोधक क्रम सेहो बढि रहल अछि। यद्यपि एखन तक कोनो खास अधिक गंभीर लक्षण परिलक्षित नहि अछि और हम सब एकरा बिल्कुल हल्लुक मे लैत छी।

आब तेसर चरण के बाद रक्त परीक्षण मे भुखल पेट मे ग्लूकोज़ स्तर 125 तक और नास्ता भोजन उपरान्त 200 तक आबय लागैत अछि। ओहि परिस्थिति मे अंदर -अंदर  खराबी बढि रहल अछि परञ्च एखनो ऊपर -ऊपर  हल्लुक़ फल्लुक  लक्षण देखा पड़ि रहल अछि। जेना कि रक्त चाप बढ़ल आबि सकैत अछि, थकान लागि सकैत अछि, भूख प्यास  बेसी जोड़ सँ लागि सकैत अछि , कोलेस्ट्रॉल सेहो बढ़ल आबि सकैत अछि, मोटापा और शरीरक वजन  इत्यादि इत्यादि बढि सकैत अछि।  इहो स्थिति 2-3 साल धरि  रहि सकैत अछि। 


वास्तविक मे ई चरण  बिल्कुल  डायबिटिक चरण एबाक  पूर्व के चरण होइत अछि। ओहि स्थिति  के  उलटेनाय(reverse केनाय) हेतु जे आवश्यक छैक ओ अवश्य प्रारम्भ क देवाक चाही। ई  पूर्ण डायबिटिक स्थित पहुँचबाक शीमा(बोर्डेर) अछि।

खान- पान , रहन सहन मे अनुकूल परिवर्तन केनाय परम आवश्यक। कोनो चिकित्सक सँ परामर्श कय ई सुनिश्चित क लेबाक चाही जे वास्तविक मे कोन चरण मे ओ बीमारी अछि।  जँ चिकिसक परामर्श सँ भुखल पेट ग्लूकोजक परीक्षण, भोजनक बाद ग्लूकोज़ परीक्षण, 5 घंटा बला जीटीटी इन्सुलिन सहित परीक्षण, एचबीए1सी  परीक्षण  करायल जाय त सुनिश्चित भेल जा सकैत अछि जे आखिर कोन स्थिति तक मधुमेह पहुँचल अछि। सभ रिपोर्टक विश्लेषण कय चिकित्सक बता सकैत छथि जे अहाँ अमुक ने अमुक स्थिति मे छी। परिमार्जन हेतु अहाँ की सब करी , चिकित्सक उचित परामर्श अवश्य देताह।


ओना कार्बोहायड्रेट और ग्लाइसेमिक लोड आधारित डाइट  अर्थात कम कार्बोहायड्रेट , कम ग्लाइसेमिक इन्डेक्स  बला खाद्य पदार्थ अपन डाइट मे शामिल करी। ई ध्यान मे अवश्य राखल जाय  जे भरि दिनक आहार मे हमर कुल ग्लाइसेमिक लोड समुचित सँ विशेष नहि होइक।

ई हम बारम्बार पुनरावृत्ति क रहल छी कारण डायबिटीज हेतु मुख्य कारक  चीनी और कार्बोहायड्रेट मे विद्यमान ग्लूकोज़ अछि।  तें ओहि पर ध्यान देनाय अति आवश्यक अछि।

आब हम मधुमेह बिमारीक अगिला अवस्थाक बारे मे अपन अगिला ब्लॉग मे चर्चा करब।

Comments

Popular posts from this blog

अस्थिर एनजाइना हेतु उपचार

हृदय सँ सम्बन्धित बीमारी(अस्थिर एनजाइना)