मधुमेह

 



आइ हम मधुमेह बिमारी पर किछु आवश्यकीय बात बता रहल छी । सामान्यतः लोक सभ ई मानि रहल छथि जे, जं मधुमेह बिमारी भ गेल त ओ कहियो जरि सं ठीक नहि होयत

आ सभ दिन दवाई खाईये पड़त । ई बात किछु हद्द तक सत्य मानल जा सकैत अछि ,

कारण अधिकतर लोक अपन स्वास्थ्य लेल नहि त जागरूक होमय चाहैत छथि आ ने अनुशासित । आइ देखि रहल छी जे ई मधुमेह बिमारी दिन प्रति दिन अपना आगोश मे क्रमिक रुपेण अधिक सं अधिक लोक के लs रहल अछि ।


हमरा जानतबे मधुमेह बिमारीक विषय मे पूर्ण जानकारी वैज्ञानिक दृष्टि सं हासिल करवाक चाही । ओकर पूर्णतया उन्मूलन हेतु खान-पान मे और रहन - सहन मे अनुकूल परिवर्तन केनाय आवश्यक अछि । एहि लेल जानकारी संग खान - पान आ रहन - सहन लेल स्वयं मे अनुशासित रहब सेहो परम आवश्यक अछि ।


ई बिमारी आइये नहि भेल अछि । ओकर इतिहास पुरान अछि । तखन आधुनिकता आओर विकासक क्रमे खान पान मे परिवर्तनक फलस्वरूप ओकर बहुतायता मे वृद्धि भेल अछि । आधुनिकताक क्रमे विज्ञानक क्षेत्र मे सेहो अधिकाधिक विकास भेल अछि । स्वास्थ्य विज्ञान मे शोध आओर अन्वेषणक फलस्वरूप अनेकानेक जटिल आओर गंभीर बिमारीक इलाज सहज आ बिमारी जरि सं उन्मूलन योग्य अछि । ओहि मे हमरा बुझने मधुमेह बिमारी सेहो उन्मूलन योग्य अछि ।


बहुत पूर्व मे वैद्य लोकनि बिमारी सभक इलाज जड़ी - बुटी , विभिन्न तरहक भस्म आ पथ परहेज सं करैत छलाह । ओ लोकनि मुख्यतया लक्षण आधारित इलाज करैत छलाह । बहुत पहिले मामूली संक्रमण आओर दुर्घटना सं लोक सभ बीमार होइत छलाह । कोनो कोनो संक्रमण ओहेन होइत छल जे गामक गाम साफ भ जाइत छल । स्वास्थ्य विज्ञान मे प्रगति भेला सं ई सब नियंत्रित भ गेल । ओही तरहें मधुमेह बिमारी हेतु सेहो वैज्ञानिक लोकनि सकारात्मक दिशा मे आगां बढि रहल छथि ।


सर्वप्रथम ई देखल गेल जे ओहेन मरीज जे खूब पानि पिवईत छलाह और हुनका अधिक

पेशाव होइत छल । शरीर के तौल धीरे धीरे कम भ जाइत छल । किछु महिना मे हुनक मृत्यु भ जाइत छलनि । तत्कालीन चिकित्सक लोकनि हुनका उपवास करा , कम पानि पर राखि , मात्र हरियर तरकारी इत्यादि खुवा लक्षण आधारित इलाज करैत छलाह । बाद मे पाओल गेल जे ओहेन मरीज के पेशाव मे चुटटी लुधकैत अछि । तखन चिकित्सक लोकनि ओहि बिमारी केर नाम मधुमेह रखलनि । एहि बिमारीक कारण हेतु ओहि समय मे तरह तरह के अनुमान लगायल गेल । कियो अनुमान लगेलनि जे ई पाचन तंत्र केर खराबी सं , कियो कहलनि किडनी के खराबी सं , कियो कहलनि मस्तिष्क के खराबी सं । क्रमिक रूप मे अन्वेषण भेल गेल आ वैज्ञानिक लोकनि ओहि निष्कर्ष पर पहुँचलाह जे अगन्याशय (Pancreas) मे इन्सुलिन नामक हॉर्मोन होइत अछि तकर कमी सं मधुमेह बिमारी होइत अछि । बाद मे त ई हॉर्मोन वैज्ञानिक लोकनि प्रयोगशाला मे बनेवा लेल सफल भेलाह । ओहि सिद्धांत पर मरीज के इलाज केलनि , किछु हद्द तक सफलता जरूर भेटल परंच ई स्थायी इलाज संभव नहि भ सकल । वैज्ञानिक अन्वेषणक क्रम मे कार्बोहाइड्रट , प्रोटीन , वसा , खनिज और विटामिन एहि सभक भूमिकाक संदर्भ मे विस्तृत ज्ञान भेल आओर पाओल गेल जे खान पान मे उपलब्ध कार्बोहाइड्रट और चीनी केर अधिकता शरीरक रक्त मे चीनीक परिमाण बढ़वैत अछि ।


मधुमेह बिमारीक संदर्भ मे पूर्ण जानकारी लेबा सं पूर्व किछु निम्नलिखित जानकारी आवश्यक अछि ।


कार्बोहाइडरेट

शरीर संचालन हेतु शक्ति (Energy) केर आवश्यकता होइत छैक जे कार्बोहाइड्रट सं भेटइत

अछि । हम सब जे किछु भोजन करैत छी , ओकर कार्बोहाइड्रट अंश पाचनतंत्र मे विखंडित भ शक्ति केर सरलतम भाग ग्लूकोज मे परिवर्तित होइत अछि आओर ओ शोणित मे चल जाइत अछि। शोणित के माध्यम सं शरीर के प्रत्येक अंग मे शक्ति प्रदान करैक हेतु ग्लूकोज पहुँचि जाइत अछि । शोणित मे एहि ग्लूकोज के परिमाण सामान्य सं जाखन अधिक होइत अछि त हम कहैत छियैक जे ई मधुमेह थिक । रक्त परीक्षण मे जं परिमाण 70 से 100 मिली ग्राम प्रति डेसी लिटर अछि त ई सामान्य अछि। कखनो काल ग्लूकोज स्तर सामान्य सं नीचा सेहो आबि जाइत अछि जकरा निम्न रक्त सर्करा कहल जाइत अछि । अर्थात सर्करा असंतुलन मधुमेह बिमारी थिक ।


इन्सुलिन

जखन शोणित मे ग्लूकोज के आवक प्रारंभ होइत अछि , ओकरा शरीर के प्रत्येक अंगक कोशिका मे प्रवेश करवैक लेल वाहक के रूप मे इन्सुलिन के काज पड़ैत छैक । एहि प्रक्रिया लेल हमर अगन्याशय सक्रिय भ ओहि लेल इन्सुलिन के आपूर्ति करैत छैक ।


मधुमेह के प्रकार


टाइप -1 मधुमेह : जखन आनुवांशिक या अन्य कोनो कारण सं शरीर के अपन इन्सुलिन आवश्यकता सं बहुत कम रहैत छैक तखन शोणित के ग्लूकोज इन्सुलिन के अभाव मे कोशिका सभ मे नहि जा पवैत छैक आओर रक्त परीक्षण मे ग्लूकोज बढल अवैत छैक ।

एहि तरहक बढल ग्लूकोज स्तर के टाइप -1 मधुमेह कहल जाइत अछि ।


उपचार : एकर उपचार लेल चिकित्सक समीचीन खोराक मे इन्सुलिन दैत छथि ।


टाइप -2 मधुमेह : जखन शरीरक अपन इन्सुलिन उपलब्धता प्रयाप्त रहलाक वावजूद शोणित मे सर्करा या ग्लूकोज स्तर सामान्य सं अधिक अवैत अछि त ओकरा टाइप -2 मधुमेह कहल जाइत अछि ।


उपचार : एकर उपचार लेल चिकित्सक समीचीन खुराक मे दवाई लेवाक हेतु सुझाव

करैत छथि । ई दवाई सं अपन अगन्याशय सक्रिय भ और अधिक इन्सुलिन आपूर्ति करैत अछि ताकि रक्त मे उपस्थित ग्लूकोज के शरीर के कोशिका सभ मे पहुंचा दैक आ रक्त मे उपस्थित सामान्य सं अधिक ग्लूकोज अपन सामान्य स्तर पर आवि जाय ।


विशेष गर्भित तथ्य :(1) जखन शरीर मे प्रचुर मात्रा मे इन्सुलिन उपलब्ध अछि तखन कोन कारण सं टाइप -2 मधुमेह होइत अछि ?

एकर उत्तर अछि शरीर कोशिका मे इन्सुलिन प्रतिरोध उत्पन्न भ गेलैक अछि , अर्थात कोशिका मे ग्लूकोज प्रवेश करेवाक हेतु अगन्याशय द्वारा सामान्य रुपेण उत्सर्जित इन्सुलिन हॉर्मोन सक्षम नहि भ पावि रहल छैक । दवाई देला उपरान्त अगन्याशय के सक्रियता बढ़ा और अतिरिक्त इन्सुलिन आपूर्ति होइत छैक । ओहि सं शोणित मे उपस्थित अधिक ग्लूकोज अगन्याशय द्वारा प्रदत्त अतिरिक्त इन्सुलिन के सहयोग सं कोशिका सभ मे चल जाइत छैक । फलस्वरूप शोणित केर ग्लूकोज स्तर सामान्य भs जैत अछि ।

(2) आखिर शरीरक कोशिका इन्सुलिन प्रतिरोध कोन कारण सं करैत छैक ?


कोशिका के आवश्यकता सं अधिक ग्लूकोज नहि चाही । अगर जबरदस्ती अधिक ग्लूकोज कोशिका मे जेतैक तखन लिपिड , कॉलेस्टॉरोल और ट्राइग्लीसराइड् अधिक वनय लगतैक । एहि सब कारण सं कोशिका प्रतिरोध करय लगैत छैक । अगर खान पान मे नियंत्रण नहि आ सिर्फ दवाई पर निर्भर भs मधुमेह प्रवंधन करैत छी ई उचित नहि ।

तें मधुमेह के एक प्रोग्रेसिव बिमारी कहल गेल अछि । क्रमिक रुपेण पहिले मधुमेह फेर रक्त चाप फेर लिपिड प्रचुरता फेर हृदय ,किडनी लिवर संबंधित अनेकानेक बिमारी ।


(3) की सम्भव अछि जे मधुमेह के पूरा पूरी ठीक कयल जा सकैत अछि ?


बिल्कुल सम्भव अछि । खान पान सं अगर कोशिका द्वारा इन्सुलिन प्रतिरोध शून्य कs लैत छी त संभव अछि जे मधुमेह पूर्णतया ठीक भs जायत ।

खान पान ओहेन हेबाक चाही जाहि मे कार्बोहाइड्रट कम होइक आ प्रोटीन इत्यादि अधिक । एहि सब पर ध्यान देबाक लेल कोनो खाद्य पदार्थ के ग्लाईसेमिक लोड आओर ग्लाईसेमिक इंडेक्स कतेक अछि ई बुझि प्रति दिन आहार लेबाक चाही । अगर मधुमेह नहि भेल हो तं अधिकतम 100 ग्लाईसेमिक लोड खाना प्रति दिन , जं मधुमेहपूर्व(Prediabetic ) के स्थिति मे छी तं कुल 50 ग्लाईसेमिक लोड खाना प्रति दिन आओर जं मधुमेह सं ग्रसित छी तं कुल 25 ग्लाईसेमिक लोड खाना प्रति दिन समुचित होयत ।


एहि तरहें मधुमेह पूर्णतया नियंत्रित भ सकैत अछि ।


Comments

  1. बहुत महत्वपूर्ण जानकारी 🙏🙏🙏

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