मधुमेह बीमारीक पाँचम अवस्था(stage)

 07.11.2022

मधुमेहबीमारीक पाँचम अवस्था(stage)

आइ हम मधुमेह बीमारीक पाँचम अवस्थाक चर्चा कय रहल छी। ई अवस्था ,  पूर्व मधुमेह स्थिति (prediabetic stage) के बादक अवस्था थिक। 

एहि स्थिति में आब रक्त ग्लूकोजक स्तर खाली पेट 125 सँ ऊपर तथा  नास्ता खाना बाद 200 सँ ऊपर होमय  लगैत अछि। कुशल चिकित्सक सँ देखेलाक बाद ओ(चिकित्सक) आब मोहर लगा दैत छथि अर्थात सुनिश्चित कs कहि दैत छथि जे मधुमेह भए गेल। निवारण हेतु चिकित्सक दवाई सेहो प्रारम्भ करवाक सुझाव दैत छथि। एहि अवस्था के नाम चिकित्सा क्षेत्र मे टाइप 2 मधुमेह (Type-2 Diabetese Mellitus) कहल जाइत अछि। 

मरीज बुझैत छथि जे हमरा आब मधुमेह बीमारी भय गेल आ आब हमरा सभ दिन दवाइ पर आश्रित रहय पड़त। किछु मरीज भयभीत सेहो भय जाइत छथि जे ई बिमारी त निरन्तर बढ़ै बला (Progressive) होइत अछि तें आब ओकर निदान हेतु विशेष ध्यान देव आवश्यक भs गेल।


वास्तविक मे ई अवस्था एकाएक नहि आयल अछि। ओकरा अबै मे 10 -15 साल लागि गेल हेतैक । जखन ई बीमारी आयल अछि त ई बुझू जे बीस प्रतिशत हमर आँखि के क्षति पहुचा देलक। आन आन महत्वपूर्ण अँग के किछु ने किछु क्षति पहुँचेने सेहो होयत।


आधुनिक शोध और  अन्वेषण केर संकल्पना (concept) अनुसार  इहो अवस्था  अयलाक उपरान्त विशेष डरक कोनो बात नहि। आधुनिक शोध कहैत अछि जे ई बीमारी कोशिका सभ द्वारा प्रेषित इन्सुलिन प्रतिरोधक स्थिति उतपन्न केला सँ उत्पन्न  भेल अछि। जँ  क्रमिक रूप सँ एहि प्रतिरोध के नियंत्रित कs लैत छी  तँ एहि स्थिति के पलटा(reverse) कs सामान्य अवस्था के प्राप्त कs सकैत छी।

कुशल चिकित्सक परामर्श अनुसार दवाइ  संग - संग  अपन डाइट के जँ  अनुमोदित कार्बोहायड्रेट और ग्लाइसेमिक लोड आधारित  सुधार कs लैत छी त सम्भव अछि जे एहि बिमारी सँ निजात पाबि जै।


मात्र जँ दवाइ पर आश्रित रहैत छी आ  खान पान पर ध्यान नहि दैत छी तँ क्रमिक रूप सँ शरीर मे इन्सुलिन बढ़ैत चल जायत जे कि धीरे धीरे शरीर मे आन आन तरहक क्षति पहुचेबाक क्रम रखनहिये रहत। दवाइ सँ ई प्रबन्ध होइत अछि जे अग्न्याशय सक्रिय भ इन्सुलिन श्राव करय। एहि सँ ( इन्सुलिन श्राव सँ)  रक्त मे उपस्थित  असामान्य ग्लूकोज  कोशिका  सभ मे प्रवेश करै मे सक्षम भ जाइत अछि। आ एहि तरहेँ शरीरक ग्लुकोज़ नियंत्रण दृष्टिगत होइत अछि। 


ग्लूकोज त नियन्त्रित भ जाइत अछि परञ्च दवाइ मर्फ़द श्रावित और अधिक इन्सुलिन त आन आन खराबी पहुँचा सकैत अछि। तें हेतु जँ खान पान सेहो समुचित करैत चल जायब तखन चिकित्सक कें सुविधा होयतन्हि  जे ओ दवाइ खुराक के कुशल प्रवन्धन कs सकता ।  ओ (चिकित्सक) समुचित आओर कम से कम शक्तिक दवाइ आ कम सँ कम दवाइक खुराक केर सुझाव दs   बिमारी के निदान करैक लेल परामर्श दs सकता।


एहि सँ ई होयत जे अग्न्याशय मे विद्यवान बीटा सेल जे इन्सुलिन श्रावित करैत छैक ओकर क्रमिक क्षरण कम सँ कम होयत । अग्न्याशय बहुत जल्दी खराब नहि होयत।

 ई भेल पाँचम अवस्था अर्थात टाइप 2 मधुमेह।

फेर अगिला अवस्था बारे मे अगिला ब्लॉग मे चर्चा करब।

Comments

Popular posts from this blog

अस्थिर एनजाइना हेतु उपचार

हृदय सँ सम्बन्धित बीमारी(अस्थिर एनजाइना)