अस्थिर एनजाइना हेतु उपचार
चिकित्सक सर्वप्रथम ई प्रायश करैत छथि जे हृदयघात नहि हो। ताहि लेल ओ खून के पातर करैक हेतु दवाई दैत छथि। एस्पिरिन या क्लोपीडोगरेल उदाहरण लेल दवाईक नाम अछि। ओ एहि अवस्था मे नाइट्रोग्लिसरीन तथा हेपरिन दय सकैत छथि। एहि अवस्था मे भय सकैत अछि जे मरीज के उच्च कोलेस्ट्रॉल , उच्च रक्त चाप एवं हृदयक धड़कन सामान्य करैक लेल दवाई देल जानि। रक्त थक्का समाप्त होइ संगहि नया रक्त थक्का नहि होइक ताहू लेल लेल दवाई देल जा सकैत अछि। आवश्यकतानुसार चिकित्सक एंजियोप्लास्टी आओर स्टेंट लगबैत छथि आ हृदय के बाईपास सर्जरी सेहो कय सकैत छथि। निर्भर करैत अछि जे स्थिति केहेन छैक। चिकित्सक द्वारा जे परामर्श हो ओ दवाई उपयोग करी। अपना मोने छोर बार नहि करी। हाँ जीवन शैली में सुधार अवश्य करी। धूम्रपान या निकोटिन के सेवन नहि करी।चिकित्सक के परामर्श सँ आवश्यकीय किछु शारीरिक व्यायाम तथा टहलनाई फायदा योग्य अछि। कदाचित मदिरा पान करैत होइ त ओकरा संजमित रूप में करी। उपयुक्त भोजन, उपयुक्त दिनचर्या , अन्हाघाहिस दवाईक उपयोग सँ परहेज, मोटापा पर नियंत्रण एहि सब सँ बचाव होयत ।