हृदय(Heart)

 *मानव हृदय*

हृदय मुट्ठी आकारक एक अंग होइत अछि जे सम्पूर्ण शरीर में सभ अंग के रक्त भेजैक लेल  रक्तक पंप करैत अछि।

हृदय रक्त वहिका तंत्रक मुख्य और प्राथमिक अंग थिक आ ओकर चारि प्रकोष्ठ होइत होइत अछि । ई प्रकोष्ठ सभ मांशपेशी सँ बनल रहैत अछि तथा ओ विद्युतीय आवेग सँ संचालित होइत रहैत अछि।


हृदय वक्ष(thorax) के अंदर छातीक बाँयाँ भाग मे अवस्थित रहैत अछि। शरीरक सभ अंग सँ आयल रक्त के हृदय पंप कए लंग्स(Lungs) मे पहुँचबैत अछि आ ओतय सभटा रक्तऑक्सीजन सँ युक्त भए जाइत अछि। पुनः ई ऑक्सीजनयुक्त रक्त  लंग्स सँ हृदय मे लौट अबैत अछि आ हृदय ई ऑक्सीजनयुक्त रक्त कें पम्प कए सम्पूर्ण शरीरक सभ अंग के पठबैत अछि। हृदयक विषय मे ई एक रोचक बात अछि जे मनुष्यक  हृदय पूरा जिनगी मे  औसत करीब साढ़े तीन अरव बेर  धडकैत अछि। एकर वजन मात्र 200 सँ 425 ग्राम होइत अछि। रोज ओ 6000 सँ 7500 लीटर रक्त कें पम्प करैत अछि।


*हृदयक मुख्य कार्य*

1. पम्प कएऑक्सीजनयुक्त  रक्त  कें सभ अंग मे पठेनै।

2.शरीरक सभ अंग लेल आवश्यकीय तत्व आ हॉर्मोन संचरण हेतु कार्य करैत अछि।

3.  शरीरक अंग सभ सँ न्यून ऑक्सीजनयुक्त रक्त कें प्राप्त केनाय आ ओकरा पम्प कए ऑक्सीजनयुक्त करैक लेल लंग्स मे पठेनै।

4.  शरीर मे उपस्थित कार्बनडाई ऑक्साइड  एवं बेकार पदार्थक परिवहनक (transporting) कार्य करैत अछि।

5. शरीरक रक्त चाप सामान्य बनेने रखैत अछि।


एहि तरहेँ हृदय, रक्त आ रक्त वहिका ई तीनू मिलि ह्रदय प्रणाली (cardio vascular system) कहबैत अछि आ ओ सदैव कार्य करैत रहैत अछि।



*हृदय आ परिसंचरण तंत्र*

हृदय कें अपन कार्य सुचारु रूप सँ करैक लेल परिसंचरण तंत्रक भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होइत अछि।

 *ओकर विभिन्न प्रकार* 

1. फुफ़्फ़सी(पल्मोनरी) परिसंचरण।

(Pulmonary Circulation)


एहि परिसंचरण में  हृदयक दाहिना भागक वेंट्रिकल सँ ऑक्सीजन रहित रक्त(De-oxydised blood) फुफ्फुस (लंग्स) में जाइत अछि ऑक्सीजनयुक्त होइक लेल आ पुनः ओ ऑक्सीजनयुक्त रक्त फेर हृदय में अवैत अछि।


2. दैहिक परिसंचरण(systemic circulation)


एहि परिसंचरण माध्यम सँ ऑक्सीजनयुक्त रक्त कें हृदय द्वारा पम्प कए सम्पूर्ण शरीरक अंग सभ कें  पहुँचायल जाइत अछि आ  ओहि शरीरक अंग सँ  ऑक्सीजनरहित (de-oxydised blood) कें पुनः हृदय में आनल जाइत अछि।


3. कोरोनरी परिसंचरण(coronary circulation)

स्वयं हृदय  माँशपेशी सँ बनल होइत अछि  आ ओ सम्पूर्ण शरीरक अंग सभ के ऑक्सीजनयुक्त रक्त लगातार क्रम में पहुँचबैत रहैत अछि ।ओकरा निरंतर कार्य करैक हेतु  सेहो अलग सँ ऑक्सीजनयुक्त रक्त चाही।जाहि परिसंचरण माध्यम सँ ऑक्सीजनयुक्त रक्तक आपूर्ति  हृदय कें होइत अछि ओकरा कोरोनरी परिसंचरण कहल जाइत अछि। ई अत्यंत जरूरी परिसंचरण होइत अछि।


ओही तरहेँ मस्तिष्क के अलग सँ बिल्कुल ताजा और शुद्ध ऑक्सीजनयुक्त रक्त निरन्तर कार्यशील रहैक लेल चाही जे कि परसंचारित होइत रहैत अछि।


आब हम हृदय अंतर्गत अवस्थित ओकर विभिन्न हिस्सा ,भाग एवं संरचना  संदर्भ मे चर्चा करब ।

Comments

Popular posts from this blog

अस्थिर एनजाइना हेतु उपचार

हृदय सँ सम्बन्धित बीमारी(अस्थिर एनजाइना)