लिवर बीमारीक सुरक्षा, ओकर जांच आ उपचार

 *लिवरक बीमारी आ ओकर सुरक्षा एवं उपचार।*

 

जँ अपन खान पान और जागरूकता सुदृढ रहय तँ अधिकाधिक संभावना रहैत अछि जे लिवर सम्बन्धित बीमारी सँ बाँचल रही। 

सुरक्षा हेतु की सब पर ध्यान देबाक चाही  , किछु बात निच्चा बता रहल छी।


1.  मदिरा पान  बिल्कुल नहि करू आ जँ करबे करैत छी तँ बिल्कुल अल्प मात्रा एवं संजमित रूप सँ।

2. शरीरक वजन अगर बढि रहल अछि तँ ओहि पर ध्यान दियौक जे अधिक नहि बढ़ए।

3.मधुमेह बीमारी खास क टाइप 2 हेबा सँ बाँचल रहू। कम और समुचित ग्लायसेमिक लोड बला आहार सँ त एहि बीमारी सँ बाँचल रहल जा सकैत अछि।

4. शरीर पर कोनो तरहक टैटू नहि बनबेबाक चाही।

5. शरीर मे जँ सुइया लेबाक प्रयोजन पड़ैत अछि तँ ध्यान देबाक चाही जे जाहि सुइयाक प्रयोग भ रहल अछि ओ बिल्कुल दोसरा के सुइया दै मे प्रयोग नहि भेल हो। अर्थात बिल्कुल नया ।

6. दोसराक शरीरक रक्त या शरीर तरल सँ संपर्क सँ सुरक्षित रहबाक चेस्टा करू।

7. खून चढेवाक प्रयोजन पड़ला पर ध्यान देवाक चाही जे ई पूर्ण सुरक्षित अछि।

8. असुरक्षित सेक्स बिल्कुल नहि।

9. किछु ओहेन रसायन या टोक्सिन होइत अछि जाहि सँ लिवर बीमारीक संभावना रहैत अछि। एहि सँ सुरक्षित रहक चाही।

10. किछु कें पारिवारिक इतिहास रहैत छन्हि लिवर बीमारी कें। हुनका बिल्कुल सतर्क और सजग रहबाक चाही।

11. साफ सफाई पर ध्यान देबाक चाही। भोजन खेबा मे, बनेबा मे, पानि  पिबैक मे इत्यादि सभ मे ताकि कोनो तरहक संक्रमण सँ दूर रही।

12. बिना चिकित्सक अनुशंसाक दवाइ अन्हाघाहिस नहि खेबाक चाही।

13. जँ संभावना हो जे हेपेटाइटिस वला लोकक संपर्क मे आबि सकैत छी तँ टीका ल लेब श्रेयस्कर।


*लिवर बीमारीक कारण आ ओकर विभिन प्रकार।* 


1. *संक्रमण* 

 परजीवी (parasites) एवं वायरस सँ लिवरक संक्रमित हेबाक संभावना रहैत अछि। संक्रमण भेला पर लिवर मे सुजन भए जाइत छैक आ ओकर कार्य करैक क्षमता धीरे धीरे कम होमय लगैत अछि। जाहि व्यक्ति के लिवर ,वायरस  सँ  संक्रमित होइत अछि ओकर रक्त, सीमेन, जूठा भोजन, पानि आ संपर्क सँ ई पसरि सकैत अछि। सामान्यतया तीन तरहक हेपेटाइटिस वायरस होइत अछि।

हेपेटाइटिस A

हेपेटाइटिस B

हेपेटाइटिस C


2. *इम्यून सिस्टम आधारित* 

शरीरक इम्यून सिस्टम  प्रहार सँ    व्यक्तिक कोनो अंग प्रभावित भए सकैत अछि  जकरा ऑटो इम्यून डिसऑर्डर कहल जाइत अछि। एहि मे जँ लिवर प्रभावित होइत अछि ओकरा ऑटो इम्यून लिवर बीमारी कहल जाइत अछि।  मुख्यतया तीन प्रकारक ई बीमारी होइत अछि।

1.ऑटो इम्यून हेपेटाइटिस

2.प्राइमरी बायलरी कोलनजायटिस

3.प्राइमरी स्कलेरोसिंग    कोलनजायटिस


3. *वंशानुगत लिवर बीमारी* 

जँ माता पिता दुनू में या कोनो एक मे लिवर बीमारी हेतु असामान्य जीन रहैत अछि तँ संभावना रहैत अछि जे ओकर बच्चा में ई  वंशानुगत बीमारी होइक।


एहि बीमारिक नाम अछि

1.हिमोक्रोमेटोसिस

2.विल्सन लिवर बीमारी

3.अल्फा-1 एन्टीट्रिप्सिन कमी लिवर बीमारी।


4. *लिवर कैंसर* 


5. *लिवरक अन्य बीमारी* 

लिवर मे वसा केर जमाव(Non Alcoholic Fatty Liver Disease)

अल्कोहल सेवन आधारित लिवर बीमारी।


लिवर बीमारी कें जँ बिना उपचार छोड़ि देल जाइत अछि तखन लिवर शिरोसिस भए जाइत छैक आ अंततः ओ काज केनाय बिल्कुल बन्द कए दैत छैक। तें ओकर उपचार बिना देरी प्रारम्भ अवश्य करबाक चाही।


*लिवर बीमारीक लक्षण इत्यादि।*


एहि बीमारी मे सदैव रोग पहचान करै बला लक्षण हेबे करैत अछि कोनो जरूरी नहि। तेँ ओकर चिकित्सीय परीक्षण करबैत रहनाइ जरूरी अछि। 

ओना कखनो काल किछु लक्षण सेहो देखा पड़ैत अछि जे हम निच्चा मे बता रहल छी।

1. त्वचा आ आँखि पीयर भ जायब।

2.पेट दर्द आ पेट फूलल रहब।

3.पैर आ टखनी मे सूजन

4.चमड़ी मे खुजलाहट।

5. पेशाबक  आ पैखानाक रंग खूब पीयर।

6.अत्यधिक अरुचि 

7.थकान थकानक अनुभूति

8.  रद्द हेवाक प्रविर्त्ति


*लिवर बीमारीक पहचान हेतु जांच*


ओना तँ विशिष्ट रूप सँ जाँच हेतु अलग अलग जांच होइत अछि, मगर सामान्यतया एल एफ टी (Lever Function Test) सँ एक नजरि मे बहुत किछु पता चलि जाइत अछि जे लीवर बढियां सँ काज कए रहल अछि वा नहि। आगाँ  अल्ट्रासाउंड, सी टी स्कैन, बाईऑप्सि , हेपेटिटिटिस परीक्षण कएल जाइत अछि , ई सुनिश्चित होइक लेल जे कोन तरहक लिवर बीमारी अछि।


*लिवर बीमारिक उपचार।*

लिवर बीमारीक जाँच मे कोन तरहक बीमारी पहचान मे आयल अछि एहि अनुरूप चिकित्सक उपचार करैत छथि। किछु तँ एहेन खराबी रहैत अछि जे मात्र दिनचर्या ठीक केला सँ दूर भए जाइत अछि जेना अल्कोहल बन्द कए देनाय, अपन वजन आहार एवं दैनिक व्यायाम सँ नियंत्रित केनाय।

किछु ओहेन लिवर बीमारी जेना संक्रमण आधारित बीमारी। एहि हेतु चिकित्सक दवाइक अनुशंसा करैत छथि।

 किछु ओहेन लिवर बीमारी जाहि मे शल्य चिकित्सा एवं ट्रांसप्लांट हेतु आवश्यकता होइत अछि।

सारांश मे ई बात सत्य अछि जे लिवर शरीर मे अति महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली अंग अछि । किछु बीमारी ओकर शक्तिशाली हेबाक कारण सँ  किछु परहेज मात्र सँ आराम भ जाइत अछि। ( जेना कि हेपेटाइटिस -A)  लिवर  एक मात्र अंग अछि जकरा पुनःसृजन(Regenerate) करैक क्षमता होइत अछि। ओहि सँ सम्बंधित बीमारी  होइ लेल बाहरी कारक जकरा लोक अपन सावधानी राखि रोकि सकैत अछि। सावधानी रखला सँ बचाव बिल्कुल संभव अछि एवं उपचार सँ बचाव पर अधिक जोड़ देल जाय  ओ श्रेयष्कर अछि।

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